मशहूर पहलवान और कोच सुखचैन सिंह चीमा का एक सड़क हादसे में निधन को गया है। पटियाला बाईपास में एक सड़क दुर्घटना में चीमा की मौत हुई। सुखचैन सिंह चीमा रुस्तम-ए-हिंद ओलिंपियन पहलवान केसर सिंह चीमा और रुस्तम-ए-हिंद ओलिंपियन परविंदर सिंह चीमा के पिता थे। सुखचैन ने वर्ष 1974 में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। उनकी गिनती देश के दिग्गज पहलवानों में की जाती थी। उन्होंने कुश्ती में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। सुखचैन को अर्जुन अवार्ड के साथ कोचिंग के लिए सर्वोच्च द्रोणाचार्य अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। सुखचैन के बेटे पलविंदर ने बताया कि पटियाला-संगरूर बाईपास पर बुधवार रात को उनके पिता की की कार दूसरी कार से टकरा गई। हादसे के बाद सुखचैन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उच्हें बचाया नहीं जा सका। सुखचैन के निधन से कुश्ती जगत में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा।
सुखचैन ने कोच के रूप में कई पहलवानों को तैयार किया।सुखचैन पटियाला में अपना ट्रेनिंग सेंटर चलाते थे, यहां पहलवानों को ट्रेनिंग दी जाती थी। सुखचैन के बेटे पलविंदर भी अर्जुन अवॉर्डी है और ओलिंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।