Sam Pitroda अक्सर विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं, चुनाव के दौरान उनके एक विवादित बयान के चलते कांग्रेस निशाने पर आ गई थी। ऐसा लग रहा था कि उनके बयान से कांग्रेस की लुटिया डूबेगी। जिसके बाद मामले को बढ़ता देख कांग्रेस ने उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। लेकिन अब चुनाव के बाद फिर से कांग्रेस ने उसी से पित्रोदा पर भरोसा जताया है और उन्हें फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का प्रेसिडेंट बना दिया है।
ओवरसीज कांग्रेस का प्रेसिडेंट Sam Pitroda–
कांग्रेस के महासचिव वेणुगोपाल की ओर से जारी की गई एक चिट्ठी में लिखा गया कि तत्काल प्रभाव से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का प्रेसिडेंट नियुक्त किया जा रहा है। प्रतिरोध ने लोकसभा चुनाव के बीच बहुत विवादित बयान दिए थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं।
>>>> <p>r=”ltr” lang=”en”>Congress leadership had suspended Sam Pitroda over his racist statements but re-appointed him as chairman of Overseas Congress immediately after elections are over..
This is how Congress fools common people. . pic.twitter.com/7AhKpwguPt
— Mr Sinha (@MrSinha_) June 26, 2024
Sam Pitroda के विवादित बयान-
जहां पूर्व में रहने वाले लोग चाइनीस जैसे दिखते हैं, तो वहीं पश्चिम में रहने वाले लोग अरबी जैसे, उत्तर भारत के रहने वाले लोग ख्याल से गोरे लोग की ही तरह नजर आते हैं, तो वहीं दक्षिण में रहने वाले अफ्रीका जैसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी भाई बहन हैं। उनके इस बयान को लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को घेरा।
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विरासत टैक्स-
इसके अलावा उन्होंने एक और बयान दिया था, जिसमें उन्होंने इन्हेरिटेंस टैक्स यानी की विरासत टैक्स के बारे में भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि इस पर भारत को विचार करना चाहिए। इस पर चर्चा की जानी चाहिए। जिसे भाजपा ने एक चुनावी मुद्दा बना दिया, यहां तक की प्रधानमंत्री ने यह भी कह दिया कि यह लोग दलित को लूटने जा रहे हैं। ऐसे में सत्ता इनको नहीं दी जा सकती। कांग्रेस ने तत्काल दोनों बयानों को किनारे कर दिया। लेकिन बार-बार उन्हें उसका जवाब देना पड़ा। फिर आखिरकार कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया।
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सैम पित्रोदा ने 8 मई को पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद 4 जून को नतीजे आने के 26 दिन में कांग्रेस 48 से 99 के करीब यानी डबल हो गई। इसी गणित की स्थिति के साथ 57 दिन बाद 26 जून को पित्रोदा को ओवरसीज़ कांग्रेस के मुखिया के पद पर फिर से बहाल किया गया। यह पहली बार नहीं हुआ है जब पित्रोदा की विवादों में रहे हो। वह अक्सर अपने बयानों के चलते विवादों में बने रहते हैं।