Parliament: इस समय संसद में काफी बदला-बदला नज़ारा देखने को मिल रहा है, जो पार्टी सालों तक बीजेपी के साथ बनी रही, जिसने हर कदम पर एनडीए और बीजेपी का साथ दिया। चाहे वह संसद में बल पर वोटिंग की बात रही हो या फिर किसी भी तरह के समर्थन की बात हो। हमेशा इस पार्टी ने बीजेपी का साथ दिया है और समर्थन किया है। लेकिन अब वह पार्टी विपक्ष के साथ नजर आ रही है, यह पार्टी सरकार का विरोध करती हुई नजर आई है।यहां हम बात कर रहे हैं, बीजू जनता दल की।
बीजेपी का समर्थन-
पहले संसद में बहुत से मौके पर बीजेपी का समर्थन किया है, लेकिन वह बुधवार को विपक्ष गठबंधन में शामिल हो गई। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में जवाब दे रहे थे, तब बीजेडी नेता सस्मित पात्रा के नेतृत्व में उनकी पार्टी के सांसदों ने विपक्षी सांसदों के साथ संसद से वॉकआउट कर दिया। इसके अलावा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भी वह नजर आए। वहीं बीजेपी को YSRCP पार्टी का समर्थन मिला।
भाषण के दौरान हंगामा-
वाईएसआर के सदस्य ने पीएम मोदी के भाषण के दौरान हंगामा करते हुए, सदन में प्रदर्शन विपक्ष के समर्थन के समय उन्होंने सरकार का साथ दिया। राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस के नेता की विजय साई रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के जवाब को ध्यान से सुना जाना चाहिए था। क्योंकि वह अलग-अलग सांसदों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का ही जवाब दे रहे हैं।
राज्यसभा में बहुमत-
ध्यान देने वाली बात यह है कि राज्यसभा में बीजद के 9 सदस्य हैं वहीं YSRCP के 11 सदस्य हैं। भाजपा की राज्यसभा में बहुमत नहीं है और उसे सहयोगियों के भरोसे रहना पड़ता है। पहले हर बार वीजद साथ देती थी, सरकार के लिए बिल पास करना आसान हो जाता था, लेकिन इस बार उनके साथ देने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। यह राज्यसभा में शक्ति के संतुलन को बदल सकता है और साथ ही सरकार को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है।
कांग्रेस और भाजपा-
वाईएसआर कांग्रेस और भाजपा दोनों को अपने राज्यों में करारी हार मिली थी, चुनाव से पहले दोनों किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन से दूर रहे। लेकिन संसद में नज़ारा बदलता हुआ नजर आया। बीजद ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान सरकार पर गंभीर सवाल उठाए, उन्होंने कहा कि चाहे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण की बात हो या फिर नरेंद्र मोदी के जवाब दोनों में ही उड़ीसा के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर बात नहीं की गई है।
ये भी पढ़ें- ओम बिरला की बेटी अंजलि ने बिना परीक्षा दिए कर लिया UPSC क्लियर? जानें सच…
लंबे समय से मांग-
उनकी पार्टी की लंबे समय से मांग है, जिसे नहीं सुना गया है। कोयला रॉयल्टी और राजमार्ग रेलवे तथा दूसरी संचार के नेटवर्क को बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। कि यह प्रधानमंत्री का एक और वैसा ही होता था जिसमें उनकी सरकार की वही उपलब्धियां बनाई जा रही थी जब उड़ीसा के लोगों को आकाश और मंगू पर कोई विचार नहीं हो रहा तो बैठने का कोई मतलब नहीं है।
ये भी पढ़ें- हाथरस त्रासदी का आरोपी ‘भोले बाबा’: 23 साल पहले भी हुआ था गिरफ्तार