Anti Paper Leak Law: इस समय पूरे देश में पेपर लीक मामले को लेकर हलचल मची हुई है और इस सब को देखते हुए ही सरकार एक्शन में आ चुकी है। शिक्षण संस्थानों में नौकरियां और प्रवेश में भर्ती के लिए होने वाली सभी परीक्षाओं में गड़बड़ियों और पेपर लीक को लेकर केंद्र सरकार ने नया कानून लागू कर दिया है। इस साल फरवरी में पेपर लीक कानून पारित हुआ था और अब सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। जिसे परीक्षा कानून 2024 नाम दिया गया है। एंटी पेपर लीक कानून यानी सार्वजनिक परीक्षा कानून पेपर लीक मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। आईए आपको बताते हैं की एंटी पेपर लीक कानून क्या है और इसमें क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं।
सजा का प्रावधान-
इस नए कानून में पेपर लीक से लेकर पेपर में डमी कैंडिडेट बिठाने पर भी सजा का प्रावधान किया गया है। कानून के मुताबिक, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल की सजा होगी और इसके साथ ही उसे पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा और अगर दूसरा कैंडिडेट किसी और के स्थान पर परीक्षा देने में दोषी पाया जाता है, तो उस अपराधी को 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख रुपए का जुर्माना होगा।
The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024—the anti-paper leak law for examinations for central recruitment and entrance into central educational institutions—came into effect on Friday, June 21. pic.twitter.com/BapcieFZHa
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 22, 2024
पेपर में गड़बड़ी-
इसके अलावा अगर पेपर में गड़बड़ी के मामले में किसी संस्थान का नाम आ जाता है, तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा और संस्थान की संपत्ति भी कुर्क कर ली जाएगी। सरकार द्वारा जारी किए गए अधिसूचना में भारतीय न्याय संहिता का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता के प्रावधान इसके लागू होने तक प्रभावी रहेंगे। अन्य आपराधिक और सहिता कानून 1 जुलाई को लागू होने वाले हैं।
परीक्षार्थी कानूनी दायरे में शामिल नहीं-
हालांकि परीक्षा में शामिल परीक्षार्थी और उम्मीदवारों को इस कानूनी दायरे में शामिल नहीं किया गया। उन लोगों पर कोई कार्यवाही का प्रावधान नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसे संसद में पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने भी इसकी जानकारी दी थी। तब उन्होंने कहा था कि एंटी पेपर लीक कानून का मकसद सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को रोकना है। इसीलिए परीक्षार्थियों या उम्मीदवारों को कानून के दायरे से बाहर रखा गया।
सार्वजनिक परीक्षा निकाय-
इस कानून के दायरे में सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाएं शामिल है, जिनका आयोजन सार्वजनिक परीक्षा निकाय करते हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जाने वाली परीक्षाएं भी इसमें शामिल है। इस कानून दायरे के मुताबिक, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं के अलावा यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग भर्ती जैसी प्रतियोगिताएं भी शामिल है।
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सार्वजनिक परीक्षा कानून 2024-
सरकार द्वारा यह कानून फरवरी में लाया गया था, नेट यूजीसी, यूपीएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग और एसएससी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए इस कानून को लाया गया। जिसे सार्वजनिक परीक्षा कानून 2024 का नाम दिया गया है। अब सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता से प्रवेश परीक्षा यानी नीट में सामने आ रही गड़बड़ी के बीच कानून को लागू कर दिया है। इस कानून का मकसद सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता लाना है।
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