जम्मू-कश्मीर आतंकियों ने जावेद पुलिसकर्मी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी। गुरुवार शाम को ही आतंकियों ने शोपियां से जावेद अहमद डार को अगवा किया था, जिसके बाद उनका शव कुलगाम से बरामद किया गया है। उनके शरीर पर कई गोलियों के निशान मिले। जावेद की हत्या की जिम्मेदारी आतंकवदी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने ली है। कुछ दिनों पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब की अगवा कर हत्या कर दी थी।
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जम्मू-कश्मीर आतंकियों ने जावेद पुलिसकर्मी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी। गुरुवार शाम को ही आतंकियों ने शोपियां से जावेद अहमद डार को अगवा किया था, जिसके बाद उनका शव कुलगाम से बरामद किया गया है। उनके शरीर पर कई गोलियों के निशान मिले। जावेद की हत्या की जिम्मेदारी आतंकवदी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने ली है। कुछ दिनों पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब की अगवा कर हत्या कर दी थी।आतंकियों ने जावेद को उस समय अगवा किया जब वो एक मेडिकल पर दवा लेने जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक जावेद पिछले पांच साल से एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ ऑपरेटर के तौर पर तैनात थे। जावेद ने पुलिस अफरसों को बताया था कि उनकी मां बीमार है और उन्हें दवाई की सख्त जरुरत है। उनकी मां हज यात्रा पर जाने वाली थी। ये बोल कर वो वहां से निकल गए। जिसके बाद आतंकवादियों ने जावेद को शोपियां से अगवा कर लिया।चश्मदीदों का कहना है कि एक कार में तीन से चार हथियारबंद आतंकवादी आए। आतंकवादियों ने कई हवा में फायरिंग की और बंदूक की नोंक पर जावेद को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए। आतंकियों ने पिछले महीने औरंगजेब को उस समय अगवा किया था जब वह ईंद मनाने अपने घर जा रहे थे। उसके बाद उनका शब पुलवामा से बरामद किया था। पूरे शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया था।औरंगजेब जम्मू-कश्मीर की लाइट इन्फेंट्री का हिस्सा थे, जो 44 राष्ट्रीय रायफल्स के में तैनात थे। साथ ही वह औरंगजेब शोपियां में 44RR की कोर टीम का हिस्सा थे। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उसी टीम का हिस्सा रहे थे। इसी का बदला लेने के लिए आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया था।आपको बता दे कि बीजेपी और पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है। राज्यपाल शासन में सुरक्षावलों ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑलआउट तेज कर दिया है। सुरक्षाबलों ने अब तक 22 आतंकियों की हिटलिस्ट तैयार की है। जिसमें हिजबुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर-ए-तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी शामिल हैं। हाल ही में सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रमुख दाऊद अहमद सलाफी उर्फ बुरहान और उसके तीन सहयोगी को मार गिराया था।
आतंकियों ने जावेद को उस समय अगवा किया जब वो एक मेडिकल पर दवा लेने जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक जावेद पिछले पांच साल से एसएसपी शैलेंद्र कुमार के साथ ऑपरेटर के तौर पर तैनात थे। जावेद ने पुलिस अफरसों को बताया था कि उनकी मां बीमार है और उन्हें दवाई की सख्त जरुरत है। उनकी मां हज यात्रा पर जाने वाली थी। ये बोल कर वो वहां से निकल गए। जिसके बाद आतंकवादियों ने जावेद को शोपियां से अगवा कर लिया।
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चश्मदीदों का कहना है कि एक कार में तीन से चार हथियारबंद आतंकवादी आए। आतंकवादियों ने कई हवा में फायरिंग की और बंदूक की नोंक पर जावेद को अपने साथ कार में बिठाकर ले गए। आतंकियों ने पिछले महीने औरंगजेब को उस समय अगवा किया था जब वह ईंद मनाने अपने घर जा रहे थे। उसके बाद उनका शब पुलवामा से बरामद किया था। पूरे शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया था।
औरंगजेब जम्मू-कश्मीर की लाइट इन्फेंट्री का हिस्सा थे, जो 44 राष्ट्रीय रायफल्स के में तैनात थे। साथ ही वह औरंगजेब शोपियां में 44RR की कोर टीम का हिस्सा थे। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर के भतीजे महमूद भाई को जिस सेना की टीम ने मारा था, औरंगजेब उसी टीम का हिस्सा रहे थे। इसी का बदला लेने के लिए आतंकियों ने औरंगजेब को निशाना बनाया था।
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