यौन उत्पीडऩ के आरोपी आसाराम पर फैसला जोधपुर केंद्रीय कारागार में ही सुनाया जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस की याचिका मंजूर करते हुए ये फैसला सुनाया है। राजस्थान पुलिस ने याचिका में कहा था कि आसाराम को लेकर आने वाले फैसले के दिन देशभर से हजारों की संख्या में आसाराम के समर्थक जोधपुर पहुंचेंगे, इससे स्थिति बिगड़ सकती है। आसाराम के समर्थकों के उग्र होने की आशंका जताई गई।
राजस्थान पुलिस की याचिका पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और न्यायाधीश रामकृष्ण सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान आसाराम की ओर से लिखित दिया गया कि चाहे फैसला कोर्ट में सुनाया जाए या जेल में, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट ने पुलिस की याचिका पर आसाराम के वकील को नोटिस के जरिए जवाब मांगा था।
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता एस.के. व्यास के अनुसार चार दिन पूर्व हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि फैसले के दिन आसाराम को जोधपुर की विशेष एससी-एसटी कोर्ट में तलब करने के बजाय जेल में ही आदेश सुना दिया जाए। व्यास ने याचिका में हाईकोर्ट से कहा था कि आसाराम के समर्थकों ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कई बार तनाव फैलाया और इन्हें काबू में करने के लिए पुलिस कई बार लाठीचार्ज तक करना पड़ा।
नाबालिग से दुराचार मामले की सुनवाई कर रही जोधपुर की एससी-एसटी विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है और फैसला सुनाने के लिए 25 अप्रेल तारीख तय की है। गौरतलब है कि आसाराम पर उसके ही गुरुकुल के छात्रावास में रहनेवाली नाबालिग लड़की के साथ जोधपुर स्थित मणई आश्रम में दुराचार के आरोप हैं। इस मामले की अंतिम सुनवाई 7 अप्रेल को पूरी हो गई थी।