केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन लोगों पर 12वीं के इकोनॉमिक्स का पेपर लीक करवाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इन लोगों ने हाथ से लिखे पेपर को लीक किया था, जिसकी पड़ताल की जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक टीचर, क्लर्क और सपोर्ट स्टाफ शामिल है।
इससे पहले बुधवार को सीबीएसई पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी। इस दौरान जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा, “अगर प्रश्नपत्र लीक हुए हैं तो हमें नहीं लगता कि ये इस कोर्ट के अधिकार-क्षेत्र का मामला है।” ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का संदेश साफ है कि पेपर लीक से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।
बता दें कि पेपर लीक के बाद सीबीएसई ने 12वीं इकोनॉमिक्स और 10वीं मैथ्स पेपर दोबारा कराने का फैसला किया था। इसके बाद री-एग्जाम के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी। शकरपुर निवासी रिपक कंसल ने अपनी याचिका में कहा था कि बिना जांच कराए फिर से परीक्षा लेने का कोई मतलब नहीं है।
याचिका में कहा गया था, “यह गौर किया गया कि इस वर्ष 16 लाख 38 हजार 428 छात्र 10वीं की परीक्षा और 11 लाख 86 हजार 306 छात्र 12वीं की परीक्षा (सीबीएसई) में शामिल हुए थे। और इसलिए जिस घटना की जांच चल रही है उसके पूरा हुए बिना छात्र समुदाय को दंडित करना और फिर से परीक्षा का नोटिस जारी करना छात्रों के मूलभूत अधिकारों को प्रभावित करता है और यह अवैध और असंवैधानिक है।”
वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से ‘अनुकंपा के आधार पर’ इकोनॉमिक्स के री-एग्जाम से 12वीं के स्टूडेंट्स को छूट दिए जाने का आग्रह किया।थरूर ने जावड़ेकर को लिखे एक पत्र में कहा कि 12वीं के छात्र पहले से ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की प्रक्रिया में हैं और काफी तनाव तथा चिंता में हैं। इसलिए उन्हें फिर से परीक्षा में बैठने से छूट दी जानी चाहिए। एचआरडी मंत्रालय ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि पेपर लीक होने के मद्देनजर सीबीएसई 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर फिर से 25 अप्रैल को कराई जाएगी।