दिल्ली एनसीआर विशेषकर फरीदाबाद,बल्लभगढ़ और पलवल के लोगों के हजारों करोडों डकारने वाला एसआरएस ग्रुप का चैयरमैन अनिल जिंदल आखिरकार हरियाणा पुलिस के शिकंजे में हैं। जिदंल मुख्य रुप से इन इलाके के लोगों का पैसा ब्याज पर लेता था और इसकी एवज में उन्हें प्रतीमाह मोटा ब्याज देता था। इसके अलावा उन्हें एसआरएस ग्रुप का एलाईड मेंबर भी बनाया जाता था और एसआरएस मॉल में फिल्मों से लेकर स्वीमिंग पूल आदी तक इस्तेमाल करने की सुविधा दी जाती थी। जिंदल का ये सारा खेल कच्ची पर्चीयों पर चलता था। शुरुआत में तो जिंदल पैसा देता रहा लेकिन धीरे धीरे उसने पैसा देना बंद कर दिया। इस खेल में विनोद मामा नाम का शख्स प्रमुख रुप से शामिल था। पैसा न मिलने के कारण कई लोगों के घर बर्बाद हो गई और कईयों ने आत्महत्या तक कर ली। ये घोटाला नीरव मोदी के घोटाले से भी बडा माना जा रहा है लेकिन पुलिस सबूतों के अभाव में अनिल जिंदल पर हाथ नहीं डाल पा रही थी। लेकिन गुरुवार को पुलिस अनिल जिंदल और उसके अन्य साथीयों को गिरफ्तार कर लिया। जिंदल के बारे में एक कहावत मश्हूर है “ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे हमने ठगा नहीं”।
जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस ने अनिल जिंदल सहित पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अन्य गिरफ्तार लोगों में बिशन बंसल, नानक चंद तायल, विनोद मामा और देवेंद्र अधाना शामिल हैं। एसआरएस ग्रुप पर बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का ऋण लेकर नहीं लौटाने का भी आरोप है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आयुक्त कार्यालय में डीसीपी विक्रम कपूर ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों को दिल्ली के महिपालपुर में एक होटल से गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी के अनुसार, सभी को जिला अदालत में पेश किया जाएगा और आरोपियों की रिमांड लेने की मांग की जाएगी।
बताया जा रहा है कि अनिल जिंदल ने एसआरएस मॉल से अपना व्यापार शुरू किया था और बाद में एसआरएस कंपनी बनाकर रिटेल, सिनेमा, ज्वेलरी एवं प्रॉपर्टी सहित विभिन्न धंधों में पांव फैला लिए। एसआरएस समूह का कारोबार दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तरप्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान आदि विभिन्न प्रदेशों में फैल हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इन सब क्षेत्रों में हाथ आजमाने के बाद अनिल जिंदल ने रियल एस्टेट सेक्टर में कदम रखा, लेकिन इस क्षेत्र में मंदी का दौर शुरू होने पर अनिल जिंदल को झटका लगा।
बता दें कि इस दौरान एसआरएस की ओर से निवेशकों को मोटा ब्याज दिया जाता था, पर मंदी आने के बाद धीरे-धीरे ब्याज देना बंद कर दिया और 2015 में तो इस पर पूरी तरह से रोक लग गई। इसके बाद ही निवेशकों ने अपनी मूल रकम वापस मांगनी शुरू कर दी, पर निवेशकों को कुछ नहीं मिला। इसके बाद पीड़ितों ने धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।
इसकी शिकायत नए पुलिस आयुक्त अमिताभ ढिल्लो तक भी शिकायत पहुंची थी, तो उन्होंने पूरे मामले की छानबीन और सच्चाई पता करने के बाद अनिल जिंदल व एसआरएस के अन्य निदेशकों के खिलाफ मामले दर्ज कराए थे और अब गिरफ्तारी भी हो गई है।