नेपाल के राष्ट्रपति देवी भंडारी ने के पी ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया है। ओली गुरुवार शाम को शपथ ग्रहण करेंगे। के पी ओली ने पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा की जगह ली है। देउबा ने गुरुवार को ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। देउबा सीपीएन (माओवादी सेन्टर) के समर्थन से पिछले वर्ष छह जून को नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री बने थे। सीपीएन (माओवादी सेन्टर) अब वामपंथी गठबंधन का हिस्सा है और सीपीएन-यूएमएल के साथ विलय कर रहा है। टेलीविजन प्रसारण के दौरान देउबा ने कहा, ‘‘मेरे नेतृत्व में सरकार के तीनों स्तरों के लिए मतदान सफलतापूर्वक पूरा हुआ और उसने सत्ता हस्तांतरण की नींव रखी।’’
काठमांडो पोस्ट की खबर के अनुसार, देउबा जल्दी ही राष्ट्रपति विद्या देबी भंडारी को अपना इस्तीफ सौंपेंगे। वामपंथी गठबंधन पहले ही राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर चुका है। गठबंधन ने यूएमएल अध्यक्ष के। पी। शर्मा ओली को अपने प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया है। सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन-माओवादी सेन्टर गठबंधन को दिसंबर में हुए आम चुनावों में 275 में से 174 सीटों पर जीत मिली है। सीपीएन-यूएमएल का नेतृत्व ओली जबकि सीपीएन-माओवादी सेन्टर का नेतृत्व प्रचंड करते हैं।
ओली (65) पहले भी 11 अक्तूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपनी सत्तारूढ़ पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एएनसी) के साथ चल रहे गतिरोध को खत्म करते हुए गुरुवार को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। एएनसी उन्हें पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रही थी।