26 जनवरी को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के बाद भडकी हिंसा के बाद अभी सूबे में तनाव कम भी नहीं हुआ था कि 2013 में दंगे का दंश झेल चुके मुजफ्फरनगर में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया और हिंदूओं को हथियार खरीदने की सलाह दी गई। आंदोलनकारियों का मत था कि अगर हिन्दू हथियार नहीं खरीदेगा तो राष्ट्र की रक्षा नहीं होगी। तिरंगा यात्रा के बहाने अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने जिले का माहौल बिगाडने की कोशिश की।
वहीं तिरंगा यात्रा की एक वीडियो भी सामने आई है। वीडियो में इंकलाब जिंदाबाद जैसे नारों के साथ इस देश में रहना होगा वंदे मातरम कहना होगा, देश के गद्दारों को जूते मारो सालों को जैसे नारे लगाए गए। ये वीडियो उस वक्त की है जब तिरंगा यात्रा मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही थी। वहां खडे एक युवक ने तिरंगा यात्रा की वीडियो बना ली। आप भी देखें-
https://www.youtube.com/watch?v=hQRtCqvG8GY
तिरंगा यात्रा के बाद कासगंज में मारे गए चंदन गुप्ता की हत्या के खिलाफ विरोध- प्रदर्शन किया गया और जिलाधिकारी को पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया। जबकि पुलिस चंदन गुप्ता के हत्यारे को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक चौबे ने तिरंगा यात्रा के बाद विवादित बयान देते हुए कहा कि हिन्दुओं को शास्त्र और राष्ट्र की रक्षा के लिए शस्त्र की पूजा करनी चाहिए। चौबे ने यह भी कहा कि अगर कोई हिन्दू 100 रुपये कमाता है तो उसे 20 रुपये का हथियार खरीदना चाहिए।
चौबे ने कहा, “हमारी रणनीति है कि सभी हिन्दुओं को सशस्त्र बनना चाहिए। अगर कोई हिन्दू 100 रुपये कमाता है तो 20 रुपये का हथियार खरीदना चाहिए। नहीं तो राष्ट्र की रक्षा नहीं हो सकती।” उन्होंने कहा, “शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्र चिंता प्रवर्तते।” यानी राष्ट्र की चिंता के लिए शास्त्र जरूरी है और शास्त्र की चिंता के लिए शस्त्र जरूरी है।
देखें वीडियो-
https://youtu.be/KobHjvWiC-s
बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर कासगंज में तिरंगा यात्रा के रास्ते को लेकर हुए विवाद में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें युवक की मौत हो गई थी। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मथुरा-बरेली राजमार्ग पर तिरंगा यात्रा निकाली थी। बिलराम इलाके से जब यह यात्रा गुजर रही थी तभी दूसरे समुदायों के लोगों से कहासुनी हो गई थी फिर मामले ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। दोनों समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर चलाए थे, फिर बंदूकें निकल आई थीं और गोलियां चलीं थीं। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हिंसक प्रदर्शन में गोली लगने से एक युवक को जान से हाथ धोना पड़ा था। पुलिस को हालात पर काबू पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।