सूरजकुंड। 32वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला में उत्तर अफ्रीका के देश मोरोक्को के कलाकारों ने मेला देखने आए लोगों का मन मोह लिया। इन कलाकारों ने अपने गायन और नृत्य से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोगों ने भी कलाकारों के लिए तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई में कमी न छोड़ी। चौपाल पर मोरक्को के अलावा तंजानिया, उड़ीसा, सिक्किम और पंजाब के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।
आज मुख्य चैपाल पर मोरक्को के कलाकारों ने अपना अध्यात्मिक संगीत प्रस्तुत किया और सबको मंत्रमुग्द कर दिया। साथ ही कलाकारों ने इस संगीत पर अपना परंपरागत नृत्य भी प्रस्तुत किया। ये प्रस्तुतियां दर्शकों को इतनी भायी कि उन्होंने तालियों के साथ उनके लिए सीटियां भी बजाई।
इसके बाद पूर्वी अफ्रीका के तंजानिया देश के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। तंजानिया वन, जीव, झील और सफारी के लिए जाना जाता है और यहां पर सुहाती भाषा बोली जाती है। तंजानिया के कलाकारों ने मुख्य चैपाल पर सोवा डांस प्रस्तुत किया। यह डांस वास्तव में एक अलग प्रकार का नृत्य था और इसमें मित्रता का भाव देखने के साथ-साथ उत्साह भी दिखाई दे रहा था।
वहीं दूसरी ओर देश के समुद्री तट से जुडे उडीसा राज्य के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। पश्चिमी उडीसा के इन कलाकारों ने डालखाई नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें महिलाएं और पुरूष ढोल-नगाडों के साथ-साथ बाजे पर नाच रहे थे। यह नृत्य एक आकर्षण था जिसने लोगों को अपनी ओर खींचे रखा और उन्हें उनकी सीट से उठने नहीं दिया। इसी प्रकार थीम राज्य उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने पाईडांडा नृत्य प्रस्तुत किया, जिस पर उपस्थित दर्शकों ने कलाकारों के लिए तालियां बजाकर उनका हौसला बढाया।
मुख्य चैपाल पर सिक्किम राज्य के कलाकारों ने राईचांडी नृत्य को प्रस्तुत किया। वास्तव में यह नृत्य काफी रोचक था। इसके बाद तंजानिया के ही कलाकारों ने एक और नृत्य गोंग डांस प्रस्तुत किया। आज मुख्य चैपाल के पंजाब के कलाकारों ने भी अपने भांगड़े से मेले में आने वाले लोगों को बांधे रखा।