झूठी शान के नाम पर होने वाली हत्याओं यानी ऑनर किलिंग्स पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि अगर दो बालिग लोग शादी करने का फैसला करते हैं, तो उसमें कोई भी दखल नहीं दे सकता।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने खाप की ओर से पैरवी कर रहे वकील को फटकार लगाते हुए कहा, ‘कोई शादी वैध है या अवैध, साबित करना कोर्ट का काम है। किसी खाप पंचायत / परिवार को इसमे दख़ल देने का अधिकार नहीं है।’सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से ऐसे उपायों की मांग की है जिसके तहत इन विवाहित दंपतियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
शक्ति वाहिनी ने अपनी याचिका में कहा कि मध्य काल के अपनी कथित परंपराओं की रक्षा के नाम पर प्रेमी युगलों की हत्या नहीं की जा सकती है। खाप पंचायतों की तरफ से अदालत में पेश अधिवक्ता ने कहा, ‘हम इस तरह की हत्याओं के खिलाफ हैं।’ अदालत ने कहा, ‘हमें खाप पंचायतों के अधिकारों की चिंता नही है। हमें सिर्फ शादी करने वाले युगलों की चिंता है। शादी चाहे अच्छी हो या फिर बुरी, हमें उससे बाहर ही रहना चाहिए।’
अंकित सक्सेना का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में उठा
टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक याचिका पर सुनवाई के दौरान एक महिला वकील ने दिल्ली में अंकित सक्सेना की अफेयर को लेकर हत्या किए जाने का मामला भी उठाया। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इस मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हम पूरे विषय पर सुनवाई कर रहे हैं।