वेस्ट बंगाल के बर्धमान जिले में 62 साल की ताप्ती चौधरी बाढ़ के पानी में बहने के बाद 13 घंटे तैरकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहीं। घटना दामोदर नदी में घटी। ताप्ती को घटना वाली जगह से करीब 80 किलोमीटर दूर रेस्क्यू करके निकाला गया। चीखीं, लेकिन मौके पर कोई नहीं था।
ईस्ट बर्धमान जिले के कालीबाजार की रहने वाली ताप्ती एक आंगनबाड़ी वर्कर हैं। वे शनिवार शाम बाढ़ से उफन रही दामोदर नदी को देखने गई थीं। किनारे खड़ी ताप्ती नदी में गिर गईं और चंद पलों में ही लहरों के साथ बह गईं। उन्होंने खूब शोर बचाया, लेकिन उन्हें बचाने के लिए आसपास कोई मौजूद नहीं था। ताप्ती रातभर मौत से जंग लड़ती रहीं। उन्होंने पानी में हाथ-पैर मारकर किसी तरह खुद को बचाए रखा।
रविवार सुबह कुछ मछुआरों की उन पर नजर पड़ी। सुबह करीब 7:30 बजे उन्हें पानी से बाहर निकाला गया। ताप्ती की उस वक्त सांसें चल रही थीं और वे पूरी तरह होश में थीं। ताप्ती के मुताबिक, “मुझे मालूम चला कि वह जगह हुगली जिले के पुरसुराह में मुंडेश्वरी नदी का मारकुंडा घाट था। मैं जहां गिरी थी, उससे वह जगह करीब 80 किलोमीटर दूर थी।
ताप्ती को फौरन हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के बाद उनकी वहां से छुट्टी भी हो गई है, लेकिन वे अभी भी दहशत में हैं। अपने घर पर मीडिया से बात करते हुए ताप्ती ने कहा कि वे नहीं बता सकतीं कि मौत के मुंह से वे बाहर कैसे आईं।