नए गठबंधन के दोनों साथी अभी तक तय नहीं कर पाये हैं कि कौन किस सीट पर लड़ेगा? इससे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बेचैन हैं क्योंकि उनका सात सीटों पर कब्जा है। दो विधायक मंत्री भी हैं सपा-कांग्रेस में गठबंधन के बाद इन्ही सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘मुख्य मुद्दा नहीं है और कहीं न कहीं कंप्रोमाइज करना ही पड़ता है।
बावजूद इसके रायबरेली जिले में नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर उलझा पेंच खुल नहीं पा रही है। ऊपर से समाजवादी पार्टी ने अपने दोनों मंत्रियों,विधायकों को नामांकन से रोक दिया। हालांकि सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि कहीं कोई पेंच नहीं है। यह बात सही है तो दोनों दलों का नेतृत्व स्थिति साफ क्यों नहीं कर रहा है? कार्यकर्ताओं का यह सवाल है। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि समय कम है। ब्राहमण मतदाताओं के प्रभाव वाले इन जिलों में किसी दल ने अभी तक उनकी जाति का प्रत्याशी नहीं उतारा। मंत्री मनोज कुमार पांडेय जरूर अपवाद है, मगर उनके टिकट को लेकर भी असमंजस है। उनकी ऊंचाहार सीट पर भी कांग्रेस दावा ठोंक रही है।